यहाँ कौन किसको सहेजता है यार...सबकी नज़र मेरे सहेजे साँसों पर है..!!!तुम अपनी साख बचा लेना,मेरा दारोमदार तो अंधेरी राहों पर है..!!!
विश्वास की रचना ।
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2 Response to इक तुम्ही हो...
यहाँ कौन किसको सहेजता है यार...
सबकी नज़र मेरे सहेजे साँसों पर है..!!!
तुम अपनी साख बचा लेना,
मेरा दारोमदार तो अंधेरी राहों पर है..!!!
विश्वास की रचना ।
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