skip to main
|
skip to sidebar
हम तो कागज़ मुडे हुए हैं .............
Home
Posts RSS
Comments RSS
Edit
बुधवार, 25 नवंबर 2009
साहिल पे सुन रहा था समन्दर की धडकनें ..
1
इक सीख दे गयीं साहिल पे आ के लहरें ;
एक हद के बाद वापस लौट आना चाहिए।
साहिल पे सुन रहा था समंदर की धडकनें ;
लहरों को देख आवारगी का रोग लग गया.
1 Response to साहिल पे सुन रहा था समन्दर की धडकनें ..
Dr. Shreesh K. Pathak
25 नवंबर 2009 को 7:25 am बजे
उम्दा लिख गए गुरु..उम्दा..
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
फ़ॉलोअर
Blog Archive
►
2010
(8)
►
अक्तूबर
(1)
►
सितंबर
(1)
►
अगस्त
(5)
►
जनवरी
(1)
▼
2009
(6)
▼
नवंबर
(2)
साहिल पे सुन रहा था समन्दर की धडकनें ..
बहुत लाज़िम है कि............
►
अगस्त
(1)
►
अप्रैल
(1)
►
जनवरी
(2)
1 Response to साहिल पे सुन रहा था समन्दर की धडकनें ..
उम्दा लिख गए गुरु..उम्दा..
एक टिप्पणी भेजें